अगर आ सको तो
अगर आ सको तो चले आना, ज्यादा आग्रह नही करेंगे,
अपनी मनोदशा से बाद में आपको आगाह नही करेंगे।
चाहे जल के भस्म हो जाये इच्छाओ का पूरा शहर,
गली में आके आपकी, गूंज जरा सी भी नही करेंगे।
धरती पर हु तब तक इंतजार जी भर करेंगे लेकिन,
ईश्वर से याचना कर फिर मुकाम नही करेंगे।
जो हैं दीवार तुम्हारी ओर से, तुम ही उसे तोड़ना,
तिलभर भी मेरी ओर से तोड़ नही हो पायेगा।
किस्सा दिल का हैं तो दिल मे सहेज के रखेंगे,
किताब में छाँप के प्रेम को बेचेंगे नही।
कवि-संदीप पुजारा
अनुवाद- पायल बोदर
Superb
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