मौसम



 
 
आज मौसम खुशनुमा था,
गर्मी से तपता घर ,आज शीत था,
दो पल बरसती थी कुछ बूंदे,
हवा के जोर से सब गतिमान था,
बारिश के रंग में झूम उठने वाली,
भीगने से आज क्यू कतरा रही थी,
वक्त वक्त की बात है शायद,
जो होता हैं एक वक्त पसंदीदा,
नापसंद भी होने में देर नहीं लगती,
ठंडी हवा सुकून जरूर ला रही थी,
पर भीतरी खालीपन कायम था,
जब मौसम को घड़ी दो घड़ी देखा,
महसूस किया तूफान का आना जाना तय है,
चाहे वो तूफान आंतरिक हो या बाह्य।


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