Bulbul ( बुलबुल )
बुलबुल 2020 में नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई सुपरनेचरल ड्रामा फ़िल्म हैं। ट्रैलर देखके आपको यह बाकी हॉरर फिल्म जैसी लग सकती हैं लेकिन वास्तव में यह काफी डिसेंट और क्वालिटी वाली फिल्म हैं। अन्विता दत्त द्वारा निर्देशित यह फ़िल्म विजुअल ट्रीट हैं, म्यूजिक दिल छूने वाला हैं, डायलॉग्स जबरदस्त हैं।
18 वी सदी की कहानी हैं जहाँ 5 साल की बुलबुल का अपनी उम्र से काफी बड़े आदमी से ब्याह कर दिया जाता हैं। बुलबुल को अपनी ही उम्र के देवर सत्या (अविनाश तिवारी) से लगाव हो जाता हैं जो उसे भूत की कहानियाँ सूनाता है ,साथ खेलता हैं। अब कहानी उस समय पर चली जाती हैं जहाँ सत्या विदेश से लौट अपने गाँव आता हैं जहाँ खून का सिलसिला शुरू हो जाता हैं लेकिन खूनी का कोई पता नही लग पाता, सत्या खूनी को ढूंढने में लग जाता हैं, जिसे गाँव वाले किसी चुड़ैल का काम कहेते हैं।
कहानी कई बार फ्लेशबैक में ले जाती हैं और आपको रहस्य पता भी चल जाता हैं फिर भी आप क्लाइमेक्स तक इसे देखना चाहोगे। इस फ़िल्म में जिसने बाजी मारी हैं वो केरेक्टर हैं बुलबुल जिसे तृप्ति डिमरी ने बहोत ही बढ़िया तरीके से निभाया हैं, एक सेकेंड के लिए भी आप उसकी एक्टिंग से निराश नही होंगे। उनके चहेरे के हावभाव इतने बारीक और सस्पेंस भरे हैं की आप देखते ही रह जाओगे और कहानी आगे बढ़ जाएगी। उसे मासूम निर्दोष ,वल्नरेबल लड़की से सशक्त ,कॉन्फीडेंट , सस्पेशियस ठकुराइन के रूप में ट्रांसफॉर्म होते देखना कहानी का मेसेज है। बुलबुल की देवरानी बिनोदिनी ( पाओली दाम) का केरेक्टर ऐसा हैं जिसे आप नफ़रत करना चाहोगे लेकिन साथ मे उस पर दया खाने को मन करेगा, जिसे स्क्रीन पर कम समय मिला हैं पर जितना भी मिला हैं उसे उसने अच्छे से निभाया हैं। बुलबुल का पति ( राहुल बोस) , उसका जुड़वा भाई महेंद्र और सत्या कैसे अंत मे एक जैसे बन जाते हैं उसकी यह कहानी हैं बुलबुल। एक पंच हैं की बुरे काम करने वाले को डराने , सजा देने के लिए देवी को डायन का रूप लेना पड़ता हैं। फ़िल्म में लाल कलर छाया रहता हैं, जो थोड़ा हॉरर फील देता हैं। कुछ सीन दिल दहेला देने वाले हैं , इतने अच्छे से फ़िल्म किये गए हैं की आप उस दर्द को महसूस कर पाओगे। तो बुलबुल कहानी हैं महिला उत्पीड़न से महिला सशक्तिकरण की , दर्द से दहशत की , अन्याय से बदले की। जरूर देखिये।
👌👍
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